पेमेंट पूरा, लेकिन काम अधूरा; तहसील भवन के निर्माण में गड़बड़ी पर जिलाधिकारी ने कराई छह अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज**

GRNews Network editor in chief Ved Prakash Srivastava
गाजीपुर में बन रहे नए तहसील भवन का पूरा फंड जारी करने के बाद भी वह अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है. इस संबंध में 6 अधिकारियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग करने के मामले में डीएम ने मुकदमा दर्ज करवाया है.
गाजीपुर में बन रहे नये तहसील भवन का है. जिसका निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम भदोही के की ओर से किया जा रहा है. इसके निर्माण की लागत का पूरा भुगतान शासन ने कर दिया है. बावजूद इसके आज तक तहसील भवन काम आधा अधूरा पड़ा हुआ है. जिसको लेकर शहर कोतवाली में डीएम के निर्देश पर राजकीय निर्माण निगम के 6 अधिकारियों पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने का मुकदमा दर्ज किया गया है.
गाजीपुर में सदर तहसील के नए भवन का निर्माण राजकीय निर्माण निगम की भदोही इकाई कर रही है. इस भवन के निर्माण के लिए 31 दिसंबर 2016 को 6 करोड़ 4 लाख 49 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे. जिसमें से 3 करोड़ 40 लाख नॉन रेजिडेंट और दो करोड़ 64 लाख रुपए रेजिडेंट भवन के लिए थे. नॉन रेजिडेंट भवनो के निर्माण के लिए पहली किस्त 1.70 करोड़ और रेजिडेंट भवनों के लिए 1.32 करोड़ जारी कर दिए गए थे.
2018 में शुरु हुआ था निर्माण
निर्माण का कार्य संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दी गई. जिसके लिए उक्त संस्था ने जनवरी 2018 में काम भी शुरू कर दिया था. जिसके लिए शेष दूसरी किस्त 16 दिसंबर 2019 को भी जारी कर दी गई थी. इस संस्था पर यह आरोप है कि पूरा भुगतान हो जाने के बाद भी कार्यपूरा नहीं हुआ
जांच रिपोर्ट में हुआ हैरान करने वाला खुलाला
तब इस मामले की जांच के आदेश साल 2022 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने दिए थे. इसकी जांच लोक निर्माण विभाग गाजीपुर के तत्कालीन अभियंता एसपी बौद्ध, सहायक अभियंता खुर्शीद अहमद और अवर अभियंता आफताब अहमद कीn टीम सौंपी गई थी. इसमें उन्होंने 7 जुलाई 2022 को अपनी रिपोर्ट दी. इस संबंध में जो जांच रिपोर्ट सौंपी गई, उसमें कार्यदाई संस्था वित्तीय अनियमितता की दोषी पाई गई.फलस्वरूप
6 अधिकारियों पर FIR दर्ज हुई
जिला स्तरीय जांच कमेटी की ओर से जांच के लिए कई बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने कागजात प्रस्तुत नहीं किए. आरोप है कि जांच में सहयोग नही किया गया. जिससे स्पष्ट होता है कि कार्यदाई संस्था ने सरकारी धनराशि का दुरुपयोग वह वित्तीय अनियमितता के साथ भौतिक कार्य किया है. इसी जांच रिपोर्ट पर नजारत कलेक्ट्रेट सालिक राम की ओर से कोतवाली में जिलाधिकारी के आदेश पर तहरीर दिया गया.