♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट के संयुक्त तत्वावधान मे पत्रकारिता की चुनौतियां विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी एवं व्याख्यान संपन्न

G R News

“वाराणसी। दिनांक 14 मार्च, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग एवं इण्डियन एसोसिएशन ऑफ जनर्लिस्ट के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के योग साधना केंद्र में आयोजित “पत्रकारिता की नयी चुनौतियां” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र के मुख्य अतिथि (निदेशक, आकाशवाणी वाराणसी) राजेश गौतम ने कहा कि पत्रकारिता एक तपस्या है। इसमें ईमानदारी, सत्यता, निष्पक्षता, जानकारी, नैतिक गुण, आदि का होना जरूरी है।उन्होंने ने पत्रकारिता के छात्रों से सवाल करते हुए कहा कि इस विषय में प्रवेश लेने से पहले यह तय कर लेना चाहिए कि किस नियत से आप पत्रकारिता में आयें है। वर्तमान चारित्रिक दोषों पर चर्चा करते हुए कहा कि पहले अपने देश को, समाज को, भाषा और समाज से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी को रखना होगा और समझना होगा तभी आप समाज को जागृत एवं संप्रेषित कर सकते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के पत्रकारों का उदाहरण देते हुए बताया कि उस समय के पत्रकारों इतना तेज था कि लोग उसने कांपते था उस दौर में भी पत्रकारिता में चुनौतियां थीं और उसका डटकर मुकाबला करते थे।विश्वविद्यालय के कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जन्मजात पत्रकार और दार्शनिक है। उन्होंने पत्रकारिता की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि चुनौती हर क्षेत्र में है और जब हम उन चुनौतियों का निष्पक्ष होकर समाधान ढूढेंगे तो वह मिलेगा। सूचना के अधिकार को एक क्रांति बताते हुए कहा कि पत्रकारों को स्वतंत्र पत्रकारिता करना चाहिए और अपनी जीविका के लिए अलग से संसाधन बनाया चाहिए। उन्होंने पुरातन और आधुनिकता केश्र मिश्रण पर बल दिया।”संगोष्ठी के समापन सत्र अध्यक्ष आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो जितेन्द्र कुमार शाही ने संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों के प्रमुख बिन्दुओं पर सिलसिलेवार चर्चा करते हुए कहा कि मानव जीवन में समस्या और चुनौतियां आती रहती है। मनुष्य उसका निदान करता रहता है।सम्प्रेषण का तरीका आज नित्य बदल रहा है जो अपने में एक महत्वपूर्ण चुनौती है। न्यूज चैनलों की होड़ ने आज पत्रकारिता की आचार संहिता को ताक पर रख दिया है। जिससे समाज में उसकी प्रासंगिकता धीरे-धीरे कम हो रही है। सत्य इतना भी सत्य न हो कि कड़वा लगे। हवा के साथ चलना आसान है लेकिन हवा के विपरित चलना कठिन है।संगोष्ठी के दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ आगन्तुक अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।सामाजिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राजनाथ ने स्वागत भाषण किया। आईएजे के पदाधिकारियों ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं माल्यार्पण कर किया गया।संगोष्ठी में पूर्व उपकुलसचिव केशलाल, उमेश त्रिपाठी, कौशल कुमार मिश्र, शिवमूर्ति दूबे, श्रुति दूबे, विशाल चौरसिया, वेद प्रकाश श्रीवास्तव आदि ने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग के संयोजक डा तुलसी दास मिश्र ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डा कैलाश सिंह विकास ने किया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रो शैलेश कुमार मिश्र, डा हर्षवर्धन राय, डा रूद्रा नंद तिवारी, डा राहुल सिंह, डा सुभाष चन्द्र, प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, सुरेन्द्र सेठ (एड), राजेंद्र मोहन लाल श्रीवास्तव, प्रकाश आचार्य, आंनद पाल राय, प्रियवंदा सिंह, आंनद कुमार सिंह, मोती लाल गुप्ता, मोहम्मद दाऊद, आशीर्वाद सिंह, राजेंद्र कुमार सोनी, तेजस कुमार सिंह, सहित छात्र छात्राएं उपस्थित थे।”

 

 

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129