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फाइलेरिया पीएसजी नेटवर्क के साथ जुड़कर सामान्य ज़िंदगी बिता रहे सुग्रीव राम*

*28 साल से हाथीपांव से थे परेशान, नियमित देखभाल व व्यायाम से मिला आराम

गाज़ीपुर, 22 अगस्त 2023।
शेरपुर कला गांव ब्लॉक भांवरकोल निवासी सुग्रीव राम (50) बताते हैं – “फाइलेरिया (हाथीपांव) बीमारी इतनी गंभीर है कि इससे सामाजिक और आर्थिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि मैं फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क से नहीं जुड़ा होता तो आज मैं सामान्य जिंदगी नहीं बिता पा रहा होता।”
वह बताते हैं कि वह चार भाई और दो बहनों में सबसे बड़े हैं। पिता मजदूरी करते हैं। विवाह के लगभग सात वर्ष बाद उनके पैरों में सूजन बहुत अधिक बढ़ चुकी थी। इसका इलाज उन्होंने अपनी ससुराल बक्सर में लगभग 10 वर्षों तक कराया। इलाज में उनके करीब 30 हजार से भी अधिक रुपए खर्च हुए लेकिन कोई आराम नहीं मिला। परेशान होकर जब वह सरकारी अस्पताल गए। तो वहां के चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि आपको फाइलेरिया (हाथीपांव) हुआ है जोकि दवा या किसी ऑपरेशन से ठीक नहीं होगा। इसी बीच सुग्रीव पिछले साल जुलाई को पीएसजी नेटवर्क के सदस्य बने। इस दौरान उन्हें पैरों की देखभाल, साफ-सफाई और व्यायाम के लिए प्रशिक्षित किया गया गया। अक्टूबर में वह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर समूह नेटवर्क से जुड़े, जिसमें सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) के बारे में की विस्तृत जानकारी दी गयी। इसके बाद उन्होंने सूजे हुए पैरों की नियमित रूप से साफ-सफाई और व्यायाम किया। इससे उन्हें बहुत आराम मिला। करीब दो साल पहले उनके पैरों में बहुत सूजन थी जो अब बिलकुल कम हो चुकी है। वह सामान्य व्यक्ति की तरह चल फिर पा रहे हैं और अपना दैनिक काम भी कर पा रहे हैं। उनके चार बच्चे थे जिसमें दो बच्चों की मृत्यु हो गई। वह अपने बच्चों के साथ गांव में रहकर दूसरे बच्चों को पढ़ाते हैं जिससे अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। परिवार में इतनी कठिनाइयों का सामना करते हुए भी वह अपने समुदाय में गांव के लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस बीमारी से वह 28 वर्ष से परेशान थे। नेटवर्क के साथ जुडने से उन्हें काफी आराम मिला है। वह और लोगों को इस तकलीफ में नहीं देख सकते हैं इसलिए वह लोगों को जागरूक करते हैं। साथ ही 10 अगस्त से शुरू होने वाले फाइलेरिया से बचाव के (एमडीए) अभियान के तहत साल में एक बार और लगातार पाँच साल दवा खाने के बारे में जागरूकता के लिए वह पीआरआई मेंबर, स्कूल, उदासीन परिवार के अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
*जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार* ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से कासिमाबाद और भांवरकोल ब्लॉक में कुल 18 फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क बनाए गए हैं जो समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के उपचार में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य ब्लॉक में स्वास्थ्यकर्मी बीमारी के प्रति और 10 अगस्त से 28 अगस्त तक संचालित एमडीए अभियान के तहत पांच साल लगातार साल में एक बार दवा खाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए दवा का सेवन जरूर करें।

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