साहित्य चेतना समाजके तत्वावधान में सरस कवि सम्मेलन सम्पन्न*

G R News *एडिटर इनचीफ वेद प्रकाश श्रीवास्तव*
गाजीपुर।।’साहित्य चेतना समाज’ के तत्वावधान में
‘चेतना-प्रवाह’ कार्यक्रम के अन्तर्गत गंगाप्रसाद रामप्रसाद इण्टर कॉलेज रूहीपुर के प्रबन्धक रामवृक्ष यादव के नगर के तिलक नगर काॅलोनी स्थित आवास पर एक सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता बटुक नारायण मिश्र एवं संचालन सुपरिचित हास्य-व्यंग्यकार विजय कुमार मधुरेश ने किया। आगंतुक कविगण को अंगवस्त्रम् प्रदान करते हुए प्रबन्धक रामवृक्ष यादव ने वाचिक स्वागत किया। इसी क्रम में ‘साहित्य चेतना समाज’ के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने चेतना प्रवाह के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि – चेतना-प्रवाह का मूल उद्देश्य सद् साहित्य के प्रति जन-जन में एक सार्थक जागृति पैदा करना है। सोये हुए समाज को जगाने में साहित्य की महती भूमिका होती है इसलिए हमें वर्तमान समय में सार्थक साहित्य के प्रति सचेतन रहने की आवश्यकता है गोष्ठी का शुभारंभ वाणी-वंदना से हुआ। युवा कवि आशुतोष श्रीवास्तव ने अपनी कविता “आओ चलो अब ख़ुद में जी लें/दिन जो बचे दो-चार” सुनाकर श्रोताओं की प्रसंशा अर्जित की। इसी क्रम में संस्था के संस्थापक एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने चर्चित व्यंग्य-कविता ‘जाऊॅं विदेश तो किस देश’ की पंक्तियां “यहीं करूॅंगा राजनीति का करोबार/देश में अपने अच्छा चलेगा यह व्यापार” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। युवा नवगीतकार डाॅ.अक्षय पाण्डेय ने देश में वोट की राजनीति को केंद्र में रखते हुए अपना ‘किसको दूॅं मैं वोट’ शीर्षक नवगीत “तलघर में गहरी सुरंग है / क्या होगा तालों से/कुछ भी बचता नहीं यहाॅं पर / बड़े पेट वालों से/मची हुई है छीना-झपटी/पूरी लूट-खसोट/होरी सोच रहा है मन में