
गंगा खतरे के निशान से ऊपर, तटवर्ती क्षेत्रों में मचा हाहाकार*।

*GRNews network Brodcost centre* editor in chief ved Parkash Srivastava
वाराणसी। दिनांक 3 अगस्त, गंगा का जलस्तर खतरे के बिंदु को पार कर चुका है। घाटों और सड़कों को डुबाते हुए पानी अब घरों में घुस गया है। इससे तटवर्ती इलाकों में हाहाकार मच गया है। लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर ठिकाना ले रहे हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार रविवार की सुबह 8 बजे जलस्तर 71.56 मीटर रिकॉर्ड किया गया। तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी है। वाराणसी में गंगा में खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है। देश के अन्य हिस्सों में लगातार बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले चार दिनों से पानी बढ़ रहा है। जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार भी काफी तेज है। शनिवार को जलस्तर चेतावनी बिंदु और रात में खतरे के निशान को पार कर गया। गंगा का पानी घाटों को डुबाते और गलियों और सड़कों को पार करते हुए अब घरों में घुस गया है। ऐसे में लोग घरों के ऊपरी तलों पर अथवा सुरक्षित स्थानों पर ठिकाना लेने को विवश हैं। आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से वरूणा भी उफान पर है। नक्खी घाट समेत वरूणा किनारे के इलाके भी जलमग्न हो गए हैं। 5 हजार से अधिक परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। लोगों को घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। वहीं जो लोग किसी तरह घर में रह रहे हैं, उन्हें भी बिजली-पानी के अभाव में तमाम तरह की दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना की गई है। आला अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों और बाढ़ राहत शिविरों का दौरा कर रहे हैं। एनडीआरएफ, जल पुलिस, बाढ़ पीएसी व प्रशासन की टीम लगातार निगरानी कर रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुमान के मुताबिक जलस्तर 72 मीटर के आंकड़े को पार कर सकता है। दो दिन बाद जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है।