
/मानव बन जाए जग सारा, यह पावन संकल्प हमारा*- *डा. रवीन्द्र शुक्ल

*GR NewsEditor inChief Ved Prakash shrivtastav* वाराणसी ।महानगर के पहाड़िया, नकखीघाट के तपोवन आश्रम के पास श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश जी के लान में हिन्दी साहित्य भारती के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ल-मुख्य अतिथि के गरिमामयी उपस्थिति में काशी प्रान्त की बैठक में मुख्य अतिथि डॉ.रवींद्र शुक्ल ने कहा कि विश्व में एक मात्र धर्म सनातन है। उपासना पद्धति पर चलने वाला कोई भी धर्म नहीं हो सकता।अगर उपासना, संप्रदाय,पंथ ही पद्धति होती तो भारत वर्ष में रावण से बड़ा कोई धर्मात्मा कोई नहीं होता।रावण के ग़लत नितियों के कारण उसे मानव नहीं मानते हुए राक्षस मानकर उसका प्रत्येक वर्ष पुतला जलाया जाता है। धर्म का उपासना पद्धति से कोई लेना-देना नहीं है। कोई भी सम्प्रदाय का यदि मुहम्मद साहब को मुस्लिम नहीं माने तो वह मुस्लिम नहीं हो सकता। सिक्ख धर्मगुरु गुरुनानक देव जी को नहीं माने तो वह सिक्ख नहीं हो सकता। कोई भी ईसाई धर्म का अपने ईसा मसीह को नहीं माने तो वह ईसाई नहीं हो सकता। कोई भी जैनी अपने महाबीर स्वामी को नहीं माने तो वह जैन धर्म का नहीं हो सकता। कोई भी बुद्धिष्ट अपने गौतमबुद्ध को ना माने तो वह बौद्ध धर्म का नहीं हो सकता। धर्म के दस लक्षणों को मनीषियों ने बताया है। जिसे अपनाकर ही धर्मात्मा बन सकते हैं। धर्म तो सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक है। भारत वर्ष से हिन्दी साहित्य भारती ने संपूर्ण दुनिया में -मानव बन जाए जग सारा, यह पावन संकल्प हमारा की भावना हर जन-जन के मन में जागृत करने का प्रयास कर रही है।अब तक सैंतीस देशों सहित समस्त भारत वर्ष के सभी स्थानों पर इसकी शाखाएं गठित हो चुकी है और तीव्र गति से गठित करने का क्रम जारी है। मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए सिर्फ सनातन धर्म को ही आत्मसात करके ही बनाया जा सकता है।सनातन धर्म -हिन्दू धर्म आस्तिक और नास्तिक सभी लोगों को अपने अन्दर समाहित करती है।हम सब मानवता का सन्देश संपूर्ण दुनिया में पहुंचाने का प्रयास हिन्दी साहित्य भारती के माध्यम से कर रहे हैं।इसे और तीव्र गति देने के लिए हर मानव को जुड़ने की आवश्यकता है।
अध्यक्षता डॉ. रामअवतार पाण्डेय एडवोकेट, स्वागत संरक्षण श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, प्रमुख संयोजन/संचालन हिन्दी साहित्य भारती के प्रदेश मंत्री एवं काशी प्रान्त प्रभारी कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक, स्वागत संबोधन डॉ. ओमप्रकाश पाण्डेय निर्भय – काशी प्रान्त के महामंत्री एवं प्रदेश संगठन मंत्री गोपाल जी त्रिपाठी ने किया।
अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में हिन्दी साहित्य भारती के अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. ओमप्रकाश द्विवेदी, प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद वाजपेई,गोरक्ष प्रान्त अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश द्विवेदी ओम्, डा. प्रकाश मिश्र-ज्योतिषी, कवि गिरीश पाण्डेय, अखण्ड गहमरी,पवन कुमार सिंह एडवोकेट,सहित अनेकों विशिष्ट लोगों ने भी विचार व्यक्त किया।
विशेष रुप से कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक,वाराणसी जिला अध्यक्ष राकेश चंद्र पाठक महाकाल, महानगर महामंत्री कवि सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, जौनपुर जिला अध्यक्ष सुमति श्रीवास्तव, भदोही जिलाध्यक्ष कवि संदीप कुमार बालाजी, चंदौली जिला महामंत्री नाट्य रंगकर्मी विजय कुमार गुप्ता, मीरजापुर जिलाध्यक्ष-डॉ.अशोक कुमार खरे, जिला महामंत्री राजीव रंजन एडवोकेट, गाजीपुर जिलाध्यक्ष -कवि विनय पाण्डेय बहुमुखी, संजय पाण्डेय सहित अनेकों लोगों ने भी काव्य पाठ और अपनी रचना से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध किया।
आयोजन के अन्त में काशी के कवि डॉ. सुबाष चन्द्र द्वारा महामना मालवीय जी पर केन्द्रित पुस्तक महामना मालवीय का विमोचन भी हुआ। हिन्दी साहित्य भारती के काशी प्रान्त अध्यक्ष के रूप में कन्हैया सिंह को मनोनयन पत्र सौंपा गया।
धन्यवाद आभार स्वागत संरक्षक श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, नवनियुक्त काशी प्रान्त अध्यक्ष कन्हैया सिंह एवं वाराणसी जिला अध्यक्ष राकेशचंद्र पाठक महाकाल ने संयुक्त रूप से किया।